#H124
बालाजी
"यह कविता हनुमान जयंती के अवसर हनुमान जी की महिमा पर आधारित है"
बल के लिए पहचाने जाऐं
बह्मचर्य की शान बढ़ाऐं
शांत स्वरूप हैं,पवनपुत्र,
सदा भक्त के रूप में जाने जाऐं
गदाधारी , बाल ब्रह्मचारी
सुग्रीव का सदा साथ निभाऐ
वज्र भी इनका कुछ बिगाड़ न पाऐ
देवताओं से कई वरदान पाऐ।
समुद्र पार कर
रावण पुत्र अक्षयकुमार
को स्वर्ग पहुंचाऐ
सीता मां का यह पता लगाए
संजीवनी बूटी लेकर आऐ
लक्ष्मण जी के प्राण बचाऐ
अहिरावण न इनसे बच पाऐ
राम की भक्ति में
सदा राम राम जपते ही पाऐ।
जो लेता इनका नाम
बन जाते उसके बिगड़े काम
भूत प्रेत उसके पास न आऐ
दुखों को यह दूर भगाऐं
अंजनीपुत्र, हनुमान कहलाऐ
बालाजी नाम से जाने जाऐं।
"एक बार बोलो
बजरंगबली की जय।
बालाजी महाराज की जय। "
धन्यवाद
देवेन्द्र प्रताप "नासमझ "
दिनांक 23 अप्रैल 2024, ©
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