Tuesday, April 23, 2024

#H125 खुद की गलती को अपनाऐं ( Accept your mistake)

#H125

खुद की गलती को अपनाऐं ( Accept your mistake) 

"कविता में  अपनी गलती स्वीकारने का महत्व और गलती न दोहराने के बारे में बताया गया है"

कुछ ऐसा लिखो

कि लोग मान जाऐं

लोग तुम्हारी कविता में,

गलती निकालने से कतराऐं


पढ़ने के बाद मुस्कराऐं,

कभी कभी मायूस

कभी कभी उत्तेजित हो जाऐं,

सुनने पर

फिर से एक बार दोहराने की,

आवाज लगाऐं

कुछ ऐसा लिखो,

कि लोग मान जाऐं


गलती तो है अवसर,

हम कैसे न इसे गले लगाएं

मानस तो है गलती का पुतला,

कैसे हम भगवन हो जाऐं

जो गलती न कर पाऐं,

बस हमरी भगवन से है चाहत

हम गलती न दौहराऐं,

हम कुछ ऐसा लिखें

कि लोग मान जाऐं


देवेन्द्र प्रताप "नासमझ"

©

रेटिंग 9.5/10


#H475 7 मासूम (7 Innocents)

#H475 7 मासूम (7 Innocents) पिपलोदी स्कूल की छत गिर गई, सात मासूमों की जान चली गई। स्कूली प्रार्थना आखरी हो गई। घरों में घनघोर अंधेरा क...