#H121
ध्यान रहे कौन जायेगा साथ
मत करो अपने मन को उदास
अगर किसी ने तुम्हे छोटा
दिखाने का किया है प्रयास
जीवन में सदा रहती है
कुछ अच्छा होने की आस
सदा समय एक जैसा नहीं रहता
रख लो मन में साथ
कर लो मन में रामायण की याद
लंकापति कैसे हो गये बरबाद
वैभव गया, प्रिए गये , प्राण गये,
और गया है नाम
कुछ न ले जा पाऐ अपने साथ
यश भी अपयश हो गया
सबको दे गये एक अनूठी साध
कल बचपन था
आज जवानी
कल आयेगा बुढ़ापा
फिर तुम बन जाओगे एक कहानी
फिर कैसा अभिमान तुम्हारा
ले लो सबको साथ
कौन है छोटा
कौन है बड़ा
कौन है अपना
कौन है पराया
ध्यान रहे कौन जायेगा साथ
चाहे हो छोटा
चाहे हो बड़ा
सबका कर लो तुम सम्मान
नहीं घटेगा इससे तुम्हरा मान
सम्मानित हो जाओगे
जो दोगे सबका साथ
हर हाल में सब देंगे तेरा साथ
वरना बलशाली के आगे
जोड़ें सारे हाथ
ध्यान रहे कौन जायेगा तेरे साथ
जाते समय रहेंगे खाली तेरे हाथ
देवेन्द्र प्रताप "नासमझ"
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