Wednesday, April 17, 2024

#H119 यह सब है हाथ तुम्हारेे


#H119
यह सब है हाथ तुम्हारेे (All is in your hands)

"कविता में मानवता के मूल तत्वों को  भगवान राम के चरित्र द्वारा न्याय, सत्य, और प्रेम के महत्व को समझाया गया है।"

कब हुआ जन्म तुम्हारा
कब होगी मौत तुम्हारी। 
जन्म मृत्यु नहीं है हाथ तुम्हारे
अच्छे मानव बन सकते हो
यह सब है हाथ तुम्हारेे। 

सदियों से "राम" नाम से जग में
यह सीख है साथ हमारे। 
मानव तुझे कैसा जीवन जीना है 
यह है सब हाथ तुम्हारे। 

खाना, पीना, बच्चे जनना, 
जीना और मर जाना । 
करते हैं इस जग के 
सारे पशु, साथ हमारे। 
मानव तुझे कैसा जीवन जीना है 
यह है सब हाथ तुम्हारे। 

मर्यादा पुरुषोत्तम से
कुछ ले लो सीख और
कर ले जीवन में कुछ अच्छे काम 
इस जग में साथ हमारे। 

पितृ वचन की लाज के लिए
राजपाट को त्याग कर
छोड़ गए अयोध्या, राम हमारे। 

दोस्ती निषादराज संग निभाई
ऊँच नहीं बीच नहीं आई। 
सबरी का सत्कार लिया, 
निश्छल प्यार को प्यार दिया। 

बाली का वध करके
न्याय धर्म का साथ दिया
सुग्रीव को राजपाट दिया। 

भक्ति जताई आदिदेव में , 
ईश्वर ने मानव को 
भक्ति मार्ग का ज्ञान दिया
रामेश्वरम का धाम दिया। 

बिना संसाधन के, 
आन के लिए लड़े
लंकापति का संहार किया। 
अंत समय में रावण से
जीवन का ज्ञान लिया। 

विभीषण को सम्मान दिया, 
और छोड़ आऐ जीती लंका को
ऐसा राम ने त्याग किया
मर्यादा पुरुषोत्तम यों ही
नहीं कहलाऐ, राम हमारे। 

हर कोई भगवन हो। 
यह है नहीं हाथ तुम्हारे। 
मानव तुझे कैसा जीवन जीना है 
यह है सब हाथ तुम्हारे। 
"नासमझ" बस यही पुकारे। 

देवेन्द्र प्रताप "नासमझ"
दिनांक 17  अप्रैल 2024,©
रेटिंग 9.5/10

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