Monday, April 1, 2024

#H104 अप्रैल फूल (April fool 🤡)

#H104

अप्रैल फूल (April fool 🤡)

उसने मुझे बुलाया
कोई मिलने मुझसे आया
यह बतलाया
मैं पहुँचा तो कोई नहीं पाया
उसने मेरा अप्रैल फूल बनाया।
मुझे इस पर बहुत गुस्सा आया।
खूब जोर से मेरा  उसने मजाक उड़ाया।

अंग्रेजों ने यह क्या चलाया
हर कोई चाहे किसी अपने को
मूर्ख बनाना, याद करे बाद में,
कैसे हमने उसका मज़ाक उड़ाया।

हर साल तरह - तरह के हथकंडों से
लोगों ने लोगों को मूर्ख बनाया।
यह सिलसिला यों ही बढ़ता आया।
अंग्रेजों ने यह क्या चलाया।

सच तो यह है
किसी को मूर्ख बनाने का
ख्याल मन में जब भी लाया।
यानी खुद को पहले
तूने खुद को मूर्ख बनाया।
किसी की भावनाओं का
तूने जम के मज़ाक उड़ाया।
अंग्रेजों ने यह क्या चलाया।

हमने मूर्ख में बस इतना पाया
जो करने के समय बैठा रहा।
न करने के समय करता रहा।
बोलने के समय बोला नहीं।
समय निकलने पर बोलता रहा।
बोलने से पहले सोचता नहीं।
स्थान, व्यक्ति, समय का ध्यान रखता नहीं

सांप आंखों के सामने जाता रहा।
निकल जाने पर लठ्ठ पीटता रहा।
हर बार ऐसा ही दोहराता हो
वही व्यक्ति मूर्ख से कम रहता नहीं।
"नासमझ" किसी को मूर्ख समझता नहीं।

कालिदास को मूर्ख समझकर
साजिश कर विवाह कराया।
मेघदूत महाकाव्य रचकर
कालिदास ने इतिहास बनाया।

हर कोई तुगलक बन सकता नहीं
हर बार रणनीति सफल हो
यह सम्भव हो सकता नहीं।
गलती करने वाला मूर्ख हो
यह जरुरी नहीं।
प्रवृत्ति हो गयी हो ऐसी
उसको फिर मूर्ख कहने हर्ज नहीं।


देवेन्द्र प्रताप 

दिनांक 31  मार्च 2024, ©

रेटिंग 9.4/10

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