#H069
देशभक्त की कसक (The Pain of a Patriot)
खुद को देशभक्त कहलाते हो।
टैक्स नहीं चुकाते हो।
टैक्स बचाने के चक्कर में
टैक्स की चोरी कर जाते हो।
सरकार हमारे लिए कुछ नहीं करती है।
इसलिए मैं ऐसा कर जाता हूँ।
गुडस और सर्विस को लेने पर
जीएसटी की कई दरें लगवाते हो।
फिर क्यों आयकर उघाते हो।
वाहन खरीदने पर,
रोड टैक्स चुकाते हैं हम,
फिर टोल टैक्स क्यों उघाते हो।
पेट्रोल को जीएसटी में क्यों नहीं लाते हो।
नागरिकों पर दोहरा टैक्स लगाते हो।
सालों साल गड्डों में रोड चलाते हो
रोड पर वारिश में नदी बहाते हो।
गडढा मुक्त रोड का नारा लगाते हो
पर चुनाव के पहले ही रोड बनाते हो।
या फिर रोड के लिए, धरना भी करवाते हो।
शिक्षा विभाग को बर्बाद कर जाते हो।
चिकित्सा विभाग को ठप्प कर देते हो।
सब कुछ महंगा लेने पर नागरिकों को ,
मजबूर कर जाते हो।
ऊँचा आयकर क्यों लगाते हो।
हमें क्यों "टैक्स चोरी" को उकसाते हो।
करदाता को कोई सुविधा नहीं देते हो।
सस्ता जीवन और स्वास्थ्य बीमा दिलवाओ।
अच्छा सस्ता इलाज कराओ।
अच्छी सस्ती शिक्षा करवाओ।
वृद्ध होने पर पेंशन दिलवाओ।
टैक्स दरों को कम करो।
फिर हर किसी से टैक्स पाओ।
टैक्स के पैसे का सदुपयोग करो।
मुफ्त योजनाओं में न बर्बाद करो।
वोट के लिए टैक्स के पैसे को
यों न जनता में नीलाम करो।
भ्रष्टाचार को जड़ से दूर करो ।
करदाताओं का विश्वास जगाओ।
हर किसी से फिर देशभक्त ,
होने की आस लगाओ।
आयकर देकर देश को,
और आगे ले के जाओ।
देवेन्द्र प्रताप
दिनांक 18 जनवरी 2024
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