#H062
सम्मान ( Self Respect)
आत्मसम्मान के लिए लड़े थे,
राणा, लक्ष्मी और शिवाजी।
भले ही जीवन बीता लड़ते- लड़ते
पर सम्मान से याद किया जाता है।
कोई झुका नहीं तो,
स्वाभिमान रह जाता है।
स्वाभिमान से आगे बढ़ने पर,
इंसान अभियानी हो जाता है।
न मिले सम्मान, सही समय पर,
तो अपमान हुआ करता है।
दया दिखाने से,
स्वाभिमान को,
ठेस लगा करती है।
ऐसे में अभिमान,
घमंड बना करता है।
दोस्ती में दोस्तों का,
सम्मान रखा जाता है।
तभी दोनों का,
स्वाभिमान बचा करता है।
स्वागत करके,
सम्मान किया जाता है।
मेहमानों के दिल में,
यह बहुत हर्षाता है।
लालच में इंसान का,
सम्मान चला जाता है।
नेता को फूलमाला पहनाकर,
सम्मान दिया जाता है।
सम्मुख सभी सम्मान दिया करते हैं।
जब आपके पीछे,
सम्मान दिया जाता है।
सही मायने में
यही असल "सम्मान" हुआ करता है।
जो इस जग से, तेरे जाने पर भी
लोगों से दिया जाता है
न होने का अफसोस हुआ करता है।
देवेन्द्र प्रताप
दिनांक 19 नवम्बर 2023, ©
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