#H060
क़दम (Foot step)
घुटनों के बल चलने वाले
जब कब पहला कदम बढ़ाते हैं।
किसी चीज को पकड़कर
धीरे-धीरे चलते जाते हैं।
कदम लड़खड़ाते हैं इनके
पर फिर भी चलते जाते हैं।
सबके मन को यह हर्षाते हैं।
गिरने पर रोने लगते हैं
माॅं इन्हें उठाती है।
किसने तुम्हें गिराया
बार-बार दोहराती है।
कभी-कभी धरती मां को
यह दोष लगाती है
दो चार थपकियां धरती मां
पर लगा दे देती है ।
अनजाने में ही
कुछ गलत पाठ पढ़ा देती है।
गलती तेरी है, पर
धरती मां को दोस्त लगा देती है
फिर यह हंसने लगते हैं
अब फिर से कदम बढ़ाते हैं।
अनायास ही मुझे
कान्हा और यशोदा याद आते हैं।
पता नहीं बड़ा होने पर
फिर क्यों कदम बढ़ाने से डरते हैं ।
नया करने से डरते हैं।
सदा कुछ नया करो,
मन में संकोच जरा भी ना रखो
हो जाएगा तो मंजिल मिल जाएगी
असफल रहा कुछ सिखा जाएगा।
जो भी हो उसके लिए तैयार रहो।
आगे कदम बढ़ाने से
कभी ना तुम फिर पीछे जाओ।
सदा गलत कदम से पीछे आओ।
देवेंद्र प्रताप "नासमझ"
दिनांक 3 फरवरी 2024,©
रेटिंग 9.6/10
Saturday, February 3, 2024
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