#H056
कोई किसकी खाता है? (How earn money)
कोई दिन रात लगाता है।
मौसम कोई भी हो।
हर दिन काम पर जाता है।
तब जाकर खाना ला पाता है।
अपनों का पालन पोषण कर पाता है।
नौकरी में कोई कैसे - कैसे खाता है?
किस - किस काम की वेतन पाता है?
मैं तुमको बतलाता है।
कोई मेहनत की खाता है
कोई बताने की खाता है
कोई लगाने की खाता है
मख्खन नहीं प्यारे,
चुगली लगाने की खाता है
कोई जताकर खाता है।
कोई अपना बनाकर,
मंजिल हासिल कर जाता है।
कोई बहकाने से पाता है।
कोई फुसलाने में आ जाता है।
और सुविधाओं को पा जाता है।
कई बार धोखा भी खा जाता है।
कोई केवल जिक्र करने की खाता है।
कोई बिकवाने की खाता है
कोई बेचने की खाता है।
कोई दिखाने की खाता है।
कोई किसी औरके काम को,
दिखाने की खाता है।
जो अपना किया भी, न दिखा पाये।
फिर वो पीछे रह जाता है।
पर ध्यान रहे तुमको,
हर कोई अपनी ,
किस्मत की ही खाता है।
कोई खिलाने की खाता है।
कोई कुछ करने की खाता है।
कोई काम न करने की ही खाता है।
कोई देर लगाने की खाता है।
कोई जल्दी निपटाने की खाता है।
कोई समझौता करवाने की खाता है।
कोई तुड़वाने की खाता है।
कोई फंसाने की खाता है।
कोई फंस वाने की खाता है।
कोई छिपाने की खाता है।
कोई बचाने की खाता है।
कोई मिलवाने की खाता है।
कोई दिलवाने की खाता है।
कभी कभी फंसकर भी जाता है।
कोई पैसा निवेश करके खाता है
कोई पैसे को ब्याज पर देकर खाता है
कोई तेरा बनकर भी,
तेरी ही वाट लगाता है।
लोगों को अपना समझकर,
अक्सर तू धोखा खा जाता है।
जीवन सबका निश्चित है
इक दिन सब छोड़ यहाँ पर,
हर कोई इस जग से जाता है।
फिर क्यों कोई किसी की
चुगली कर जाता है।
किसी और का हक खा जाता है
कर्मचारी अपने निज:स्वार्थ में
औरों की भी लगवा जाता है ।
अपने सपनों को भूल कर
सारा जीवन खपा जाता है।
हर पल डरकर जीवन जीता जाता है।
जोखिम नहीं ले पाता है।
इसलिए वो केवल नौकर ही रह जाता है।
पता नहीं कर्मचारी,
क्या - क्या करने और
क्या - क्या नहीं करने की खाता है।
मैं ठहरा कवि"नासमझ",
अब तक नहीं समझ पाता है।
धन्यवाद
देवेन्द्र प्रताप
दिनांक 05 जनवरी 2024, ©
रेटिंग 9/10