#H052
तू ही राम है (You are God)
राम मरम है, राम करम है
राम नरम है, राम परम है
राम पुरुष है, राम ही है रब।
रमा है हर कण कण में।
तभी राम है।
राम नाम ही सबका धरम है।
वाकी जीवन में केवल भ्रम है।
राम नाम के साथ है जीना ।
वही पुरुष का सच्चा धर्म है।
राम शील हैं, राम विनय हैं
संतोष राम हैं, क्षमा राम हैं
त्याग राम हैं, दोस्त राम हैं
वचन राम है, सम्मान राम हैं
संयम राम है, राम विजय हैं
राम शिष्य हैं, भक्त राम हैं।
राम चरित्र है, सर्वश्रेष्ठ चरित्र हैं।
राम चरित्र को, जीना तेरा परम धरम है।
राम ही होना, तेरा धरम है।
अगर राम नाम के साथ है।
तब तू ही राम है।
वरना जीवन केवल स्वार्थ है।
सकल विश्व की सुरक्षा राम है।
सकल विश्व की सफलता राम हैं।
तू ही राम है, राम ही पूर्ण विराम है।
कवि "नासमझ" के यही राम है।
"नासमझ"
दिनांक 09 जनवरी 2024, ©
रेटिंग 9.5/10