#H051
शरारत (Prank)
एक लड़का है।
जिसके माता पिता कहते हैं,
शरारत मत करो।
वो कहता है ,
मेरे मन से आवाज है आती,
एक शरारत और करो।
और मैं कर जाता हूँ।
कई बार मुझे चोट लगी है।
पर मैं शरारत करता हूँ।
बिना करे नहीं रह पाता हूँ।
नया करने से नहीं डरता हूँ।
हर रोज़ नया मैं करता हूँ।
गलती करने चोट लग जाती है।
ध्यान रहे, शरारत से नहीं।
लापरवाही से चोट लग जाती है।
इस पर मैं भी पछताता हूँ।
फिर से नयी शरारत करता हूँ।
देवेन्द्र प्रताप
दिनांक 20 नवम्बर 2023, ©
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