Saturday, November 25, 2023

#H018 मैं मौन हूँ (I am silent voter)

#H018

मैं मौन  हूँ  (I am silent voter)

"यह कविता मूक मतदाताओं  के महत्व पर लिखी गई है। 
मूक मतदाता बहुत बारीकी से  विपक्ष /पक्ष का   निरीक्षण करता है 
और किसी भी दल को खुलकर  समर्थन / विरोध नहीं करता है। 
मूक मतदाता आमतौर पर इलेक्शन में जीत / हार  के लिए जिम्मेदार होते हैं।"

एक पक्ष है और एक विपक्ष है  । 
बाकी मूकदर्शक सदस्य  है,     
ये मूकदर्शक हर छोटी-बढी़,  
हर हरकत को समझ रहा है
यह न पक्ष और न विपक्ष है। 
विपक्ष इसको उल्लू बना रहा है, 
यह समझ रहा है। 
पक्ष समझा रहा है, 
विपक्ष, पक्ष की गलतियां गिना रहा है। 

यह हर चीज समझ रहा है, 
जो भ्रष्ट है, वह किसी और को,  भ्रष्ट बता रहा है
मलाई खा रहा  है, 
समझ रहा है,  कोई नहीं समझ रहा है
मैं मौन हूँ, कौन हूँ, समझ रहा है

ये न बोला है और न बोलेगा। 
सिर्फ समय पर तोलेगा। 
ध्यान रहे, सत्ता किसके पास रहेगी,  ये ही बतलाएगा
हर हरकत और प्रयासों का
आंकलन कर, जब ठप्पा लगाऐगा। 
मौन था, पर आज भी मौन ही रहेगा। 
पक्ष और विपक्ष बताएगा, 
समर्थक दोनों के साथ होते हैं, 
समर्थक जिता नहीं सकते,  सिर्फ जता सकते हैं
ये मौन ही तुम्हें जिता सकते हैं। 
लोकतंत्र बचा सकते हैं,  
लोकतंत्र चलबा सकते हैं
नमन है इस मौन को
मैं मौन हूँ, न समझ मैं कौन हूँ

देवेन्द्र प्रताप
दिनांक अगस्त 2022, ©
अंक 9/10

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