#H019
पुरुषार्थ ही है इन्सान की पहचान (Courage)
एक जाति गर्व करे
एक करे संकोच
पर खुद के पुरुषार्थ का
कोई न जिक्र करे
कौन करे हम सब में ये मतभेद
इस पर न कोई नेता विचार करे
जो थे रणकौशल में अच्छे
क्षत्रिय कहलाए
व्रह्म ज्ञान रखने वाले
ब्रह्मण कहलाए
व्यापार जिन्हें भाता था
वो वैश्य कहलाए
खेती किसानी, साफ सफाई आदि करने वाले
शूद्र कहलाए
क्या कोई किसी के बिन रह पाए
फिर कामों में कैसे अन्तर ला पाए
जैसा जिसने कर्म किया
वैसा इन्सान कहलाए
कुल वंश जाति धर्म का
क्या मतलब रह जाए
राम रावण एक राशि से ही आए
महान भरत के वंश में
दुर्योधन और युधिष्ठिर भी आए
श्रंग ऋषि का सींग
शूद्र के घर में न गिर पाए
पर ब्रहामण घर में रह जाए
फिर कोई कैसे उंच नीच बन जाए
हम सब कैसे अपनों से
मुख फेर रहते आए
फिर हम सब में
कुल वंश जाति धर्म का
कौन विष फहलाए
इन्सान तो केवल कर्मों
से जाना जाए
शूद्र के घर से भी कर्ण अद्वितीय
योध्दा बन जाए
सदियों से ही पुरुषार्थ
इन्सान की पहचान कहलाए
अब तो सरकार को भी चाहिए
फिर से जातियों की विवेचना करवाए
और समाज को अमीर और गरीब में रख कर,
विकास की अच्छी योजनाएं लाए
सारे समाज को और आगे लेके जाए
देवेन्द्र प्रताप
दिनांक 08 अक्टूबर 2023,©
अंक 9.5/10