#H012
प्यार का एक्सपोर्ट - इम्पोर्ट (Love beyond Borders)
हम सामान करते हैं एक्सपोर्ट
इम्पोर्ट कुछ ज्यादा करते हैं
सदा डिफिसिट में रहते हैं
इसलिए सौदा कम कर पाते हैं
आओ हम तुम्हें प्यार का
एक्सपोर्ट - इम्पोर्ट बतलाते हैं
कभी मुनाफा तो कभी घाटा
व्यापार में हम सभी उठाते हैं
कभी यह, कभी वो...चली गयीं
अपने महबूब के मुल्क में
यहाँ बहुतों को ठेस दे गयीं
दिलवालों का दिल तोड़कर
सब कुछ अपना छोड़कर, वो चली गयीं
सरहद पार से कोई आयी है
खुश होने का मौका लायी है
साथ पुराने प्यार की
चार निशानी लायी है
सीमाओं को तोड़ वो
पैगाम प्यार का लायी है
शादी के बन्धन में बंध कर
सनातन धर्म को गले लगाई है
प्रशासन का भी दिमाग बहुत चकराया था
पुलिस थाने में उसने पेशी कई लगायीं हैं
तहकीकात में पुलिस के हाथ कुछ नहीं आया है
पुलिस इसमें बस प्यार का चक्कर पायी है
यहाँ से किसी को,
वहाँ कोई मन भाया है
खातून बनने का भूत
उसके सिर चढ़ आया है
छोड़ सभी को यहाँ पर,
यार से मिलना उसको
बहुत मन भाया है
इस्लाम कुबूल कर उसने
अपना निकाह कराया है
बच्चों का भी प्यार उसे
जाने रोक नहीं पाया है
कुछ भी हों हालात मगर
इन सबने प्यार का बिगुल बजाया है
हवा बदली है कुछ इस तरह
जुड़ने लगे हैं जज्बात
तुम दूर रहो या पास
अब नहीं है कोई डरने की बात
इस देश या उस देश
हर जगह लोगों के दिल में
होते हैं प्यार के जज्बात
इसलिए ऐसा दिन आया है
लगता है बदलने लगे हैं हालात
दिल में आग इधर भी लगती है,
दिल में आग उधर भी लगती है
प्यार में अगर पड़ गये तुम
फिर तुम्हारे बस की
नहीं रह जाती है बात
तभी तो फलफूल रहा है
इश्क़ का माहौल
फिर डरने की क्या है बात
लोग सोशलमीडिया से जुड़ जाते हैं
मिलने लगते हैं हर रोज
मिज़ाज एक दूसरे का भाने लगता है
फिर मिलने की लालसा जगती है
फिर मिलने को वो एक देश से
दूसरे देश चला जाता है
यह प्यार इसीलिए अंधा कहलाता है
स्वर्ग से नरक जाने में भी नहीं घबराता है
कभी कभी लोग हनीट्रेप में फंसकर
अपना सब कुछ गंवाता है
मौजूद समय में हनीट्रेप से
अच्छा अच्छा भी घबराता है
सब छोड़कर एक यहाँ आ गयी
समझो इम्पोर्ट हो गया
सब छोड़कर एक वहाँ चली गई,
यह एक्सपोर्ट हो गया
यह है प्यार का इम्पोर्ट- एक्सपोर्ट
देवेन्द्र प्रताप
दिनांक 20 अक्टूबर 2023 ©
अंक 8.5/10