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सच्चा दशहरा (Dusherra)
हर साल दशहरा तुमने मनाया
रावण का पुतला
तुमने हर साल जलाया
इस बार तुम अपने अंदर झांको
क्रोध, घृणा, लालच, घमंड, ऊँच-नीच, वासना
को तुम पहचानों
कैसे मारें इस पर विचार करो
इन्हें मारने का तुम प्रयास करो
सदभाव रखो, लोगों से प्यार करो
किसी का हक न मारो, सच्ची स्पर्धा रखो
जो पाया है, उसमें संतोष करो
ईश्वर को धन्यवाद करो
जिस दिन तुमने इन्हें जलाया
समझो सच्चा दशहरा तुमने मनाया
वरना समझो रावण फिर से जलने आया
हर रोज रावण ने फिर तुम्हें जलाया
रावण पुतले में नहीं, तेरे अन्दर हैं
जिसने तेरा संसार जलाया
इंसा को इंसा से लड़वाया
हर साल हजारों लोगों को मरवाया
तेरे सुख को तुझसे छीना
तेरे को तेरे से ही लड़वाया
तेरे घर का सुख खोया
जीवन को नरक बनाया
जिसने अपने अन्दर का रावण मारा
समझो सच्चा दशहरा उसने मनाया
देवेन्द्र प्रताप
दिनांक 24 अक्टूबर 2023
अंक 9.5/10