Sunday, November 19, 2023

#H001 मुझे कविता न लिखनी आए (I don't know writing Poetry)

#H001 

मुझे कविता न लिखनी आए (I don't know writing Poetry)

पर मेरा दिल धड़क धड़क कर जोर लगाऐ

भावनाऐं मेरी कागज पर आने को ललचाऐ

सही कविता वही, जो भावनाऐं जगाऐ

मुझे कविता न लिखनी आऐ

पर कलम मेरी चलती जाऐ

ऐसे ही मेरी कविता बन जाऐ

मुझे कविता न लिखनी आऐ

दूसरे के दर्द को

मुझे महसूस कराऐ

कभी कभी मेरी आखों में

लिखते लिखते आंसू लाऐ

मुझे कविता न लिखनी आऐ

पर कलम मेरी चलती जाऐ

ऐसे ही मेरी कविता बन जाऐ

जब मेरी कविता कभी किसी के

चेहरे पर मुसकराहट लाऐ

गमगीन कर जाऐ

कुछ याद कराऐ

जोश जगाऐ

कभी कभी गुस्सा भी लाऐ

कुछ सबाल उठाऐ

पछतावा भी लाऐ

पर कभी किसी का

दिल न दुखाऐ

गर मेरी कविता ऐसा

कुछ कर पाऐ

मैं समझूँ मेरी कविता

तब सफल कहलाऐ

मुझे कविता न लिखनी आऐ

पर कलम मेरी चलती जाऐ

मेरा हौसला बढ़ाऐ

ऐसे ही मेरी कविता बन जाऐ

कविता दिवस पर समर्पित

देवेन्द्र प्रताप

21 मार्च 2023

©

अंक 9.5/10

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