#H454
शून्य की ओर (Towards zero)
जीत जश्न क्या भूला पाएंगे ?
11 जानें चली गईं।
कमाने वाले ही चले गए।
सवाल बड़ा सा छोड़ गए।
भगदड़ में मरने वालों की
संख्या को कब शून्य करेंगे।
अक्सर भगदड़ में
आम आदमी ही मरते हैं।
गलत प्रबंधन की
खुलेआम भेंट चढ़ जाते हैं।
अब दौर शुरू होगा।
आरोप प्रत्यारोप का।
जिम्मेदारी न लेने का।
किसी को बकरा बनाने का।
एफआईआर करने वालों का।
फाइलों में जांच दबाने का।
क्या कोई लौट आएगा?
जो चला गया इस जग से।
जाने वालों का दर्द
क्या कोई दूर कर पाएगा ?
2 लाख में क्या होगा ?
कैसे आगे का जीवन
परिवार चला पाएगा ?
कब हम सबक लेंगे ?
प्रबंधन के तरीकों को
अब दुरुस्त करेंगे।
जितनी क्षमता है स्थल की
कब उस पर नियंत्रण करेंगे ?
क्या हम और भगदड़ों में
आमजन की जान गंवाएंगे।
जल्दी ही हम भूल जाएंगे।
कुंभ कर्ण की नींद में
फिर से सो जाएंगे।
देवेन्द्र प्रताप "नासमझ"
दिनांक 06 जून 2025,©
रेटिंग 9.8/10
#H475 7 मासूम (7 Innocents)
#H475 7 मासूम (7 Innocents) पिपलोदी स्कूल की छत गिर गई, सात मासूमों की जान चली गई। स्कूली प्रार्थना आखरी हो गई। घरों में घनघोर अंधेरा क...
-
#H054 नया सवेरा (New Dawn) विदाई को अन्त न समझो। यह तो एक नया सवेरा है। जो जोड़ा है, अब तक तुमने, उसमें नया और कुछ जुड़ जाना है। सीख...
-
#H022 गुरु मार्ग (Teachings) समाज में रहे भाईचारा, एकता,सच्चा धर्म, सेवा, मानवता है, मूल सिद्धांत तुम्हारा । धर्मिक सहिष्णुता और बढ़ाओ।...
-
#H115 तेरा कितना हुआ (Increment) "यह कविता वेतन वृद्धि और पदोन्नति की घोषणा के बाद कर्मचारियों में उत्पन्न मानवीय वातावरण को दर्शाती ...