चिराग (Lamp)
चिराग तब तक जले,
जब तक उनमें तेल था।
हम तो वो चिराग हैं,
जो बिना तेल के जले जाते हैं।
बिना शिकवा किए,
अपनी जिम्मेदारी
हर हाल में निभाए जाते हैं।
लोगों की जिंदगी
रोशन किए जाते हैं।
अपनी सभी क्षमताएं
लोगों को दिए जाते हैं।
अमृत मिले, या जहर,
मुस्करा कर पिए जाते हैं।
बस इसलिए,
गिनती में नहीं लिए जाते हैं।
पर बुझने के बाद
बहुत याद आते हैं।
देवेन्द्र प्रताप "नासमझ"
दिनांक 01 नवम्बर 2024,©
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