Saturday, November 16, 2024

#H302 मेरी छोटी सी गलतियां (My Small Mistakes)

#H302
मेरी छोटी सी गलतियां (My Small Mistakes)

समय गंवाया 
ढंग से न पढ़ पाया।
घबराहट में भविष्य की
ना सोच पाया।
जल्दी से 
खुद को जाॅब में फंसाया।

प्लान्ट लगाने में अहम रोल निभाया 
उत्पादन और प्रोसेस क्वालिटी को 
स्थापित कराया 
बाॅस से न ताल मेल बिठाया 
अपने ही ढंग से काम चलाया।
अनबन में ही समय जाता पाया।
सदा खुद को नियमों बंध में पाया।
नौकरी गंवायी, 
फिर काम वहीं पर पाया।
नई उत्पादन लाइन को 
खुद की निगरानी में लगवाया।
पुर्जों की आपूर्ति को भी 
स्थापित कराया।
उत्पादन को और बढ़ाया।

उत्पादन और प्रोसेस क्वालिटी से 
गुणवत्ता प्रबंधन तंत्र में आया।
बहुत सीखा, प्रयोग किया।
स्वास्थ्य, सुरक्षा और पर्यावरण प्रबंधन 
पर काम कराया।
पर लोगों की समझ न आया 
प्रबंधन तंत्र को लोगों ने सदा,
दूर का रिश्तेदार ही बताया।

एक कंपनी छोड़ दूसरी में आया 
दूसरी से तीसरी में 
सिलसिला फिर रुक न पाया।
जब रुका तो फिर चल न पाया ।

प्रबंधन पर जोर लगाया 
उत्कृष्टता की ओर कदम बढ़ाया 
फिर खुद को अकेला ही पाया।
कंपनी का भला चाहा।
और फिर जाॅब गंवाया।
पर खुद को न बदल पाया।

गुणवत्ता प्रबंधन तंत्र से 
बाहर न जा पाया ।
कुछ समय 
सप्लायर क्वालिटी भी में लगाया।

कहां से चला ।
देर तक चला।
पर यहां अटका हुआ पाया।
जो न हुआ, उसमें सोच सोच कर
बढ़ा समय लगाया।

बहुतों को बनाया 
अपना सब कुछ सिखाया ।

पर अब लगता है।
खुद को न बना पाया।
मैं मेरी गलतियों से 
समय पर न सीख पाया।

ईश्वर की कृपा से 
मैंने जीवन में बहुत कुछ पाया।
बहुतों को इतना भी नहीं मिल पाया।
सदा मैंने ईश्वर को धन्यवाद जताया।

लेखन में अपना हाथ आजमाया।
मैं कुछ खास सफलता न पाया।

सदा भविष्य, समय पर छोड़ा है, हमने 
देखते है, अगला कदम कहां पे आया।

देवेन्द्र प्रताप "नासमझ"
दिनांक 06 नवम्बर 2024,©
रेटिंग 8.5/10

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