#H074
टोला (Cluster)
कहाँ से शुरू करूँ मैं।
यह सोच रहा।
देश का हाल ,
मुझे आगे धकेल रहा है।
एक दारू घोटाले में डूबा है ।
दूजा नौकरी के बदले जमीन
की जांच में अटका है।
तीजा कई मामलों में ,
जमानत पर घूम रहा है।
चौथा आय से अधिक संपत्ति का केस
दशकों से झेल रहा है।
कोई जमीन को हड़पने में,
जेल में जा पहुँचा है।
यह कैसे लोगों का टोला है।
जाति धर्म बढ़ चढ़ कर
सिर पर इनके बोला है।
ये सब अपने मतलब के लिए,
हम सब एक है, ऐसा बोला है।
यह अवसरवादियों का टोला है।
क्या सब ठीक है सत्ता पक्ष में,
"नासमझ" का मन ऐसा बोला है।
इतिहास गवाह है।
इनके कार्यकाल में,
जुर्म, तुष्टिकरण, जातिवाद,
बढ़ चढ़कर इनके सिर बोला है।
कोई चारा खाकर हजम कर गया,
फिर भी इसने खुद शोषित बोला है।
कोई भाषा पर जोड़ रहा है।
खुलेआम दशकों से ,
भारत को तोड़ रहा है।
जोड़ने वाला इन सबसे से,
खुद को जोड़ रहा है।
सत्ता के बिना ,
इनके घोटालों का खुलने डर,
बढ़ चढ़कर सिर बोल रहा है।
सीटों के बंटवारे में,
अल्पसंख्यक वाली बहुसंख्यक सीटें,
टोला का मुखिया खोज रहा है।
कोई देश जोड़ रहा है।
न्याय के लिए दोड़ रहा है।
क्या देश टूट गया है?
किसको न्याय नहीं है?
क्या करेगें ये जीते यदि,
जनता का मन यह खोज रहा है।
देवेन्द्र प्रताप
दिनांक 24 फरवरी 2024, ©
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