#H440
अभी चाह बाकी है (The Desire Still Remains)
एक चाहत सदा से रही,
कभी मुझे भी पुरस्कार मिले
और पापा को
स्टेज पर बुलाया जाए ।
खुशी का पल साथ में बांटा जाए।
पर यह चाहत
अब तक पूरी ना हो सकी।
पर आस अभी तक बाकी है।
अब भी कई मंजिलें बाकी हैं।
क्या हमारे बच्चे
वो सपना पूरा कर पाएंगे ?
हमें स्टेज पर बुलाएंगे।
उनके जरिए हम भी
अपनी चाहत पूरी कर जाएंगे।
अभी चाह बाकी है,
अभी आस बाकी है।
अभी आंखों में खामोशी के आंसू हैं।
क्या खुशी के आंसू बन पाएंगे ?
एक दिन वो भी आएगा।
सपना हकीकत हो जाएगा।
स्टेज पर बुलाएंगे।
सम्मान की माला पहनाएंगे।
देवेन्द्र प्रताप "नासमझ"
दिनांक 04 मई 2025,©
रेटिंग 9.8/10
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